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इनके लिए गणित ही खेल है
Brilliant: Learn by doing
अधिकतर लोगों के विपरीत—चलिए, मान लेते हैं सभी के ख़िलाफ़—Sue Khim के बचपन की सबसे ख़ूबसूरत यादें हैं कार की सवारी के दौरान गणित के सवाल सुलझाना।
STEM लर्निंग ऐप Brilliant की सह-संस्थापक और सीईओ Sue गणित की बेहतरीन विद्यार्थी थीं, लेकिन याद करने और पढ़ाने के पुराने तरीक़े उन्हें पसंद नहीं आते थे। नए, अलग तरीक़े के गणित के सवाल उन्हें बहुत पसंद आते थे––ख़ासतौर पर ऐसे सवाल जो परिवार के साथ कहीं दूर घूमने जाते वक़्त उनके पिता उनसे पूछते, जैसे, “1 और 100 के बीच सारे नंबरों को जोड़ने पर क्या मिलेगा?”
Khim बताती हैं, “बचपन में मैंने 1 से 10 तक को जोड़ना शुरू किया, जिसमें मुझे बहुत समय लगा। फिर मेरे पिता ने बताया, ‘बाहर से अंदर की ओर सुलझाने की कोशिश करो,’ और यह काम काफ़ी आसान बन गया।” (उनका मतलब समझने के लिए इस कहानी के आख़िर में दिए गए सवाल का हल देखें।*)
गणित के ऐसे ही सवालों की गुत्थियों में Khim उलझी रहीं। वह कहती हैं, “मेरे बचपन की अधिकतर यादें कार की वही लंबी ड्राइव हैं। मैंने सीखा कि गणित को नए नज़रिए से देखकर इसे बहुत अच्छे ढंग से सीखा जा सकता है।”
मेरा लक्ष्य कुछ ऐसा निर्मित करना था जो मेरे लिए नया जादुई सा हो, और जो एक अलग ही एहसास दें।
—Sue Khim
अपने ऐप Brilliant के ज़रिए, वह दूसरों को भी ऐसे तरीक़े सिखाने की कोशिश कर रही हैं। Khim ने इसे ऐसे तैयार है कि लोगों के मन से गणित का डर दूर किया जा सके। नए ढंग के सवालों और गेम के ज़रिए Brilliant दस साल के बच्चों से लेकर प्रोफ़ेशनल स्तर तक के लोगों को गणित (साथ ही, साइंस और कोडिंग भी) सिखाता है। (वाक़ई में, Khim कहती हैं कि Brilliant को बच्चे भी बहुत पसंद करते हैं।)
ऐसा करने के लिए वह गणित को पहेली में बदल देती हैं। वह कहती हैं, “मेरी कोशिश है गणित को जादुई बनाकर सबको वैसी ही ख़ुशी देना।”
“गणित के साथ मेरा यही अनुभव था, लेकिन ग्राहकों से बात करते समय मैंने महसूस किया कि बहुत से लोगों के साथ ऐसा नहीं होता,” वह हँसते हुए बताती हैं। शुरू में Khim भी अपने ग्राहकों जैसा महसूस करती थीं। हाई स्कूल के बाद उन्होंने शिकागो यूनिवर्सिटी से गणित में उच्च शिक्षा ली। लेकिन उनके अंदर का आंट्रेप्रेनुर आवाज़ दे रहा था। तीन साल बाद उन्होंने Alltuition की शुरुआत की, जो विद्यार्थियों को आर्थिक सहायता दिलाता था। उसके दो साल बाद Brilliant शुरू हुआ।
Brilliant के बारे में वह बताती हैं, “यहाँ हम बिलकुल सामान्य से लेकर आधुनिक विषयों पर काम करते हैं, और ऐसा करने के लिए हम इसे मज़ेदार भी बनाते हैं। ऊँचे दर्जे की शिक्षा के तरीक़े न होते तो हम केवल मनोरंजन कर रहे होते। लेकिन अगर मज़ा नहीं डालते तो लोगों को गणित डरावना ही लगता रहता। इन दोनों चीज़ों को बनाए रखना हमारे लिए काफ़ी कठिन था।”
Brilliant में असफ़ल होना कोई बड़ी बात नहीं। Khim कहती हैं, “हमारे काम में हम आपको यह भी बताते हैं कि ग़लतियाँ करना कोई ग़लत बात नहीं। स्कूल में आपने इसका ठीक उल्टा सीखा होगा, यानी––हर ग़लती की कोई सज़ा होती है। यहाँ आपको कुछ विकल्प दिए जाएँगे, जिनमें से कोई भी उत्तर साफ़ तौर पर सही नहीं लगेगा, और आपको अंदाज़ा ही लगाना होगा।”
Khim को तरह-तरह के गणित-प्रेमी संपर्क करते हैं : तीन महाद्वीपों में बच्चों को गणित पढ़ाने वाली महिला, 80 साल के दादाजी जो घर पर मज़े के लिए गणित के सवाल सुलझाते हैं, एक सीईओ जिसने एक पार्टी में यह ऐप देखा, वीडियो गेम्स से छुट्टी लेने वाला एक लाइवस्ट्रीमर। उन्हें पूर्व कैबिनेट सदस्यों और यूनिवर्सिटी के अध्यक्षों का ईमेल भी मिलता हैं। लेकिन Brilliant के ज़्यादातर फ़ैन ऐसे लोग हैं जो लगातार सीखते रहना चाहते हैं। आज, Brilliant में 90 लाख से अधिक सदस्य हैं और हर महीने लगभग 20 लाख लोग ऐप को इस्तेमाल करते हैं।––ये नंबर Khim को भी बहुत पसंद हैं।
*यह सवाल जर्मनी के गणितज्ञ Carl Friedrich Gauss का है, जिन्होंने ध्यान दिया कि अगर हम 1 से 100 तक की संख्याओं को दो ग्रुप (1 से 50 और 51 से 100) में रखें, तो दोनों ग्रुप से एक-एक नंबर को आपस में जोड़ने पर हमें उत्तर में 101 मिलता है––यानी, 1+100=101, 2+99=101, और आगे 50+51=101, वग़ैरह। इस तरह से कुल योग 50x101, या 5050 होगा।